Indus Water Treaty सिंधु जल संधि क्या है?की पूरी जानकारी हिंदी में

Indus Water Treaty

परिचय:

जल ही जीवन है, लेकिन जब दो देशों के बीच नदियाँ बहती हैं, तो जल भी विवाद का कारण बन सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच जल बँटवारे को लेकर बनी “सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty)” दुनिया की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय जल-संधियों में से एक मानी जाती है।
What is Indus Water Treaty? यह सवाल अक्सर पूछा जाता है, खासकर जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है। आइए विस्तार से जानते हैं – ये संधि क्या है, क्यों हुई, इसमें क्या नियम हैं, और आज के समय में इसकी क्या प्रासंगिकता है।

सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) क्या है?

Indus Waters Treaty भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक ऐतिहासिक समझौता है, जिसे 19 सितंबर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खान ने World Bank की मध्यस्थता में साइन किया।

इसका उद्देश्य था – Indus river system के जल का न्यायपूर्ण वितरण करना।

सिंधु नदी प्रणाली (Indus River System) – कौन-कौन सी नदियाँ?

नदी का नामकिस देश को प्राथमिक अधिकारउद्गम स्थानमुख्य उपयोग
सिंधु (Indus)पाकिस्तानतिब्बत (चीन)सिंचाई, पीने का जल
झेलम (Jhelum)पाकिस्तानजम्मू-कश्मीरसिंचाई, जल विद्युत
चिनाब (Chenab)पाकिस्तानहिमाचल प्रदेशसिंचाई, जल विद्युत
रावी (Ravi)भारतहिमाचल प्रदेशसिंचाई, घरेलू उपयोग
ब्यास (Beas)भारतहिमाचल प्रदेशकृषि
सतलज (Sutlej)भारततिब्बत से होकर हिमाचलकृषि, सिंचाई

Indus Water Treaty के प्रमुख बिंदु:

  1. पूर्वी नदियाँ (ब्यास, रावी, सतलज): भारत को पूर्ण अधिकार।
  2. पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब): पाकिस्तान को प्राथमिक अधिकार, लेकिन भारत को सीमित उपयोग की अनुमति।

भारत कर सकता है:

  • सीमित सिंचाई
  • बिजली उत्पादन (run-of-the-river)
  • घरेलू उपयोग

Indus Water Treaty क्यों हुई?

1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान की सिंचाई व्यवस्था भारत से होकर बहने वाली नदियों पर निर्भर थी। भारत ऊपरी हिस्से (upper riparian) में था। इस कारण जल विवाद को शांत करने के लिए World Bank ने मध्यस्थता की और यह समझौता कराया।

Indus Water Treaty के लाभ:

  • तीन युद्धों (1965, 1971, 1999) के बावजूद अब तक लागू।
  • भारत-पाकिस्तान जल विवाद का शांतिपूर्ण समाधान।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक successful water-sharing treaty मानी गई।

विवाद और हालिया घटनाएँ (2025):

पाकिस्तान के आरोप: भारत ने बगलिहार, किशनगंगा जैसे बांध बनाए, जो समझौते का उल्लंघन हैं।

भारत का जवाब: ये सभी प्रोजेक्ट run-of-the-river हैं और Indus Waters Treaty के नियमों के तहत आते हैं।

2025 में बड़ा फैसला:
हाल ही में CCS (Cabinet Committee on Security) की बैठक में भारत ने Indus Water Treaty को पुनः समीक्षा (review) करने की बात कही।
Home Minister Amit Shah ने कहा: “हम पाकिस्तान को दिया जाने वाला पानी रोकने पर विचार कर रहे हैं।”

क्या भारत इस Treaty को खत्म कर सकता है?

  • यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे एकतरफा समाप्त करना आसान नहीं।
  • भारत अपने अधिकारों (पूर्वी नदियाँ) का पूरा उपयोग कर सकता है, जो Treaty में वैध है।

भारत-पाकिस्तान के जल अधिकारों की तुलना:

पहलूभारत का अधिकारपाकिस्तान का अधिकार
पूर्वी नदियाँपूर्ण नियंत्रणनहीं
पश्चिमी नदियाँसीमित उपयोगपूर्ण उपयोग
बांध निर्माणहाँ (run-of-the-river)नहीं
Treaty समाप्तिनहीं (दोनों की सहमति आवश्यक)नहीं

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

Q1. Is Indus Water Treaty still valid in 2025?
हाँ, यह अब भी लागू है, हालाँकि इसकी समीक्षा हो रही है।

Q2. Can India stop water under Indus Water Treaty?
भारत केवल पूर्वी नदियों का पानी रोक सकता है; पश्चिमी नदियों पर सीमित उपयोग की अनुमति है।

Q3. What are India’s rights in Indus Waters Treaty?
पूर्वी नदियों पर पूर्ण नियंत्रण और पश्चिमी नदियों पर सीमित उपयोग।

Q4. Why is Indus Water Treaty controversial?
भारत की ओर से बांध निर्माण और पाकिस्तान की आपत्तियों को लेकर विवाद रहा है।

Q5. Can Indus Water Treaty be changed?
हां, लेकिन इसके लिए दोनों देशों की सहमति जरूरी है।

निष्कर्ष:

Indus Water Treaty भारत और पाकिस्तान के बीच जल को लेकर बनी एक ऐतिहासिक संधि है। यह दुनिया को यह सिखाती है कि मतभेद के बावजूद जल जैसे अमूल्य संसाधन को शांति से साझा किया जा सकता है।
आज के समय में भारत को चाहिए कि वह Treaty के अंतर्गत मिले अधिकारों का पूरा उपयोग करे ताकि जल संकट से राहत मिले और राष्ट्रीय हितों की रक्षा हो सके।

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