HPV Vaccine एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) एक सामान्य वायरस है जो त्वचा और श्लेष्म झिल्ली को प्रभावित करता है। यह वायरस मुख्य रूप से यौन संपर्क से फैलता है और कई प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) का कारण बन सकता है। एचपीवी वैक्सीन इस संक्रमण से बचाव का एक प्रभावी तरीका है। इस लेख में, हम एचपीवी वैक्सीन के महत्व, फायदे, सुरक्षा और इसे कब और कैसे लेना चाहिए, इस पर विस्तृत जानकारी देंगे।
HPV एचपीवी क्या है?
एचपीवी एक वायरस का समूह है जिसमें 100 से अधिक प्रकार होते हैं। इनमें से कुछ हाई-रिस्क एचपीवी टाइप सर्वाइकल, गले, गुदा और जननांग कैंसर का कारण बन सकते हैं। वहीं, कुछ लो-रिस्क एचपीवी टाइप जननांग मस्से (Genital Warts) पैदा कर सकते हैं।
HPV एचपीवी वैक्सीन क्या है?
एचपीवी वैक्सीन एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है जो शरीर को इस वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। यह विशेष रूप से उन एचपीवी प्रकारों से सुरक्षा देता है जो कैंसर और जननांग मस्सों का कारण बनते हैं।
HPV एचपीवी वैक्सीन के प्रकार
मुख्य रूप से तीन प्रकार की एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध हैं:
1. गार्डासिल (Gardasil) – गार्डासिल एक प्रभावी वैक्सीन है जो ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के 6, 11, 16 और 18 प्रकारों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। यह खासतौर पर सर्वाइकल कैंसर, जननांग मस्से और अन्य एचपीवी-संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करती है। आमतौर पर, इसे 9 से 26 वर्ष की उम्र के लड़के और लड़कियों को दिया जाता है। यह वैक्सीन एचपीवी संक्रमण को रोकने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है, जो भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में सहायक होती है।
2. गार्डासिल 9 (Gardasil 9) – गार्डासिल 9 (Gardasil 9) एक उन्नत एचपीवी वैक्सीन है, जो एचपीवी के 9 प्रकारों (6, 11, 16, 18, 31, 33, 45, 52 और 58) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। यह सर्वाइकल कैंसर, जननांग मस्से और अन्य एचपीवी-संबंधित रोगों से बचाव में मदद करती है। यह वैक्सीन 9 से 45 वर्ष तक के लोगों को दी जा सकती है और एचपीवी संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम करती है। गार्डासिल 9 एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है, जो एचपीवी से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में सहायक है।
3. सर्वारिक्स (Cervarix) – सर्वारिक्स (Cervarix) एक एचपीवी वैक्सीन है, जो मुख्य रूप से एचपीवी-16 और 18 प्रकारों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। ये दोनों प्रकार सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह वैक्सीन 9 से 45 वर्ष की महिलाओं के लिए अनुशंसित है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर एचपीवी संक्रमण के जोखिम को कम करती है। सर्वारिक्स एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है, जो महिलाओं को भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करता है।
HPV एचपीवी वैक्सीन क्यों ज़रूरी है?
एचपीवी वायरस से संक्रमित होना बहुत आसान है, और यह किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, एचपीवी संक्रमण आमतौर पर बिना लक्षणों के होता है, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
HPV एचपीवी वैक्सीन के लाभ:
एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) वैक्सीन एक प्रभावी उपाय है, जो कई गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद करती है। इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- युवाओं के लिए सुरक्षित और प्रभावी – 9 से 45 वर्ष तक के लड़के और लड़कियां इस वैक्सीन को लेकर एचपीवी संक्रमण से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा – यह वैक्सीन एचपीवी-16 और 18 जैसे उच्च-जोखिम वाले वायरस के प्रकारों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, जो सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- अन्य कैंसर से बचाव – एचपीवी गले, योनि, गुदा और लिंग कैंसर का भी कारण बन सकता है। वैक्सीन इनसे बचाव में सहायक होती है।
- जननांग मस्सों की रोकथाम – एचपीवी-6 और 11 संक्रमण के कारण जननांग मस्से होते हैं, जिन्हें यह वैक्सीन रोकने में कारगर है।
- इम्यूनिटी को बढ़ावा – वैक्सीन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है, जिससे एचपीवी संक्रमण का खतरा कम होता है।
- दीर्घकालिक सुरक्षा – यह टीका लंबे समय तक प्रभावी रहता है और भविष्य में एचपीवी से जुड़ी बीमारियों से बचाव करता है।
HPV एचपीवी वैक्सीन कब और कैसे लें?
एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) वैक्सीन लेने के लिए सही उम्र और सही तरीका जानना बेहद जरूरी है। यह वैक्सीन मुख्य रूप से सर्वाइकल कैंसर और अन्य एचपीवी-संबंधित बीमारियों से बचाव के लिए दी जाती है।
HPV एचपीवी वैक्सीन कब लें?
- उचित उम्र:
- 9 से 14 वर्ष की आयु – इस आयु वर्ग में 2 डोज की जरूरत होती है।
- 15 से 45 वर्ष की आयु – इस आयु वर्ग में 3 डोज दिए जाते हैं।
- आदर्श रूप से टीकाकरण यौन सक्रिय होने से पहले कराया जाना चाहिए, ताकि संक्रमण का जोखिम कम हो।
- कौन ले सकता है?
- लड़कियां और महिलाएं (9-45 वर्ष)
- लड़के और पुरुष (9-26 वर्ष) – यह जननांग मस्सों और कुछ अन्य कैंसर से बचाव में मदद करता है।
- यदि किसी को पहले ही एचपीवी हो चुका है, तो भी वैक्सीन आगे की सुरक्षा के लिए फायदेमंद हो सकती है।
HPV एचपीवी वैक्सीन कैसे लें?
- डोज का शेड्यूल:
- 2-डोज़ शेड्यूल (9-14 वर्ष):
- पहली खुराक (Day 0)
- दूसरी खुराक (6 से 12 महीने बाद)
- 3-डोज़ शेड्यूल (15-45 वर्ष):
- पहली खुराक (Day 0)
- दूसरी खुराक (1-2 महीने बाद)
- तीसरी खुराक (6 महीने बाद)
- 2-डोज़ शेड्यूल (9-14 वर्ष):
- वैक्सीन कहां लगवाएं?
- सरकारी या निजी अस्पतालों में
- प्रमाणित टीकाकरण केंद्रों पर
- स्त्री रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेकर
- कैसे दी जाती है?
- यह वैक्सीन मांसपेशियों (इंट्रामस्क्युलर) में इंजेक्शन के रूप में दी जाती है, आमतौर पर कंधे में।
HPV एचपीवी वैक्सीन की सुरक्षा और साइड इफेक्ट्स
एचपीवी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
संभावित साइड इफेक्ट्स:
➡ इंजेक्शन लगने वाली जगह पर हल्का दर्द या सूजन।
➡ सिरदर्द या हल्का बुखार।
➡ कमजोरी या थकान महसूस होना।
➡ एलर्जी की संभावना बहुत कम होती है।
भारत में HPV एचपीवी वैक्सीन की उपलब्धता और कीमत
भारत में एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) वैक्सीन विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और अस्पतालों में उपलब्ध है। यह वैक्सीन मुख्यतः सर्वाइकल कैंसर और अन्य एचपीवी-संबंधित बीमारियों से बचाव के लिए उपयोग की जाती है।
कीमत:
- गार्डासिल 9: इसकी कीमत प्रति खुराक लगभग ₹10,850 है।
- गार्डासिल: इसकी कीमत प्रति खुराक ₹2,000 से ₹4,000 के बीच होती है।
- सर्वारिक्स: इसकी कीमत भी ₹2,000 से ₹4,000 प्रति खुराक के बीच है।
उपलब्धता:
ये वैक्सीन सरकारी और निजी अस्पतालों, प्रमाणित टीकाकरण केंद्रों, और कुछ फार्मेसियों में उपलब्ध हैं। स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन के विकास के साथ, इनकी उपलब्धता और भी बढ़ी है, जिससे यह सस्ती और सुलभ हो गई है।
HPV एचपीवी वैक्सीन के बारे में आम मिथक और सच्चाई
मिथक: एचपीवी वैक्सीन से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
सच्चाई: यह पूरी तरह सुरक्षित है और प्रजनन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं डालती।
मिथक: यह केवल महिलाओं के लिए है।
सच्चाई: पुरुषों को भी एचपीवी संक्रमण हो सकता है, इसलिए यह सभी के लिए जरूरी है।
मिथक: यदि आप यौन रूप से सक्रिय नहीं हैं, तो वैक्सीन की जरूरत नहीं।
सच्चाई: टीका संक्रमण से पहले लेने पर अधिक प्रभावी होता है, इसलिए 9-14 साल में लगवाना बेहतर है।
निष्कर्ष
एचपीवी वैक्सीन एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका है जो सर्वाइकल कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है। यह विशेष रूप से किशोरावस्था में अधिक प्रभावी होता है, लेकिन वयस्क भी इसे डॉक्टर की सलाह पर ले सकते हैं। भारत में इसकी उपलब्धता बढ़ रही है, और सरकार भी लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रही है।
यदि आप या आपके परिवार में कोई 9-26 वर्ष की उम्र के बीच है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर यह टीका जरूर लगवाएँ। एचपीवी संक्रमण से बचाव का सबसे आसान तरीका यही है।
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